नि:शुल्क शिक्षा
संस्था उमा शंकर सिंह फाउंडेशन के तहत भीख मांगने वाले बच्चे कूड़ा बीनने वाले बच्चे तथा आर्थिक स्थिति से कमजोर बच्चों को पढ़ाकर
उन को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संस्था सदैव तत्पर रहता है।
संस्था द्वारा चलाए गए। सेंटर का विवरण निम्नलिखित है।
(1.) चौकाघाट नि:शुल्क शिक्षा सेंटर ।
(2.) मंडुआडीह नि:शुल्क शिक्षा सेंटर ।
(3.) माधोपुर, जयप्रकाश नगर, सिगरा, नि:शुल्क शिक्षा सेंटर ।
(4.) नूरुद्दीन शहीद, फुलवरिया, नि:शुल्क शिक्षा सेंटर ।
(5.) माधोपुर, सिगरा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, क्राफ्ट निःशुल्क शिक्षा ।
उद्देश्य :-
सेंटर चलाकर संस्था बच्चों की इच्छा शक्ति को जागृत करता है। संस्था का सदैव उद्देश्य रहता है। कि बच्चों के पढ़ने की भावनाओं को जागृत किया जाए। संस्था इसी के लिए कार्य करती है।
उनको सभी चीजें फ्री में दी जाती है। साथ ही साथ कंप्यूटर की विशेष शिक्षा संस्था देती है।
जब बच्चे शिक्षित हो जाते हैं। तो उनको विभिन्न सरकारी स्कूलों में एडमिशन करा देता है बच्चों को जिस चीज में रुचि रहती है। ( कंप्यूटर हार्डवेयर या मोबाइल रिपेयरिंग ) उस चीज में एडमिशन करा देता है।अर्थात संस्था द्वारा चलाए गए। सेंटर बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का शुरुआती साँचा होता है।
जिसमें बच्चे पढ़ कर या इसमें बच्चों को पढ़ाकर उनकी भावनाओं को जागृत किया जाता है।
कौशल विकास कार्यक्रम
संस्था उमा शंकर सिंह फाउंडेशन कौशल विकास कार्यक्रम चलाकर अब तक
(1.) सिलाई कोर्स :- 37 छात्राओं ।
(2.) ब्यूटीशियन कोर्स :- 35 छात्राओं ।
(3.) कंप्यूटर कोर्स :- 36 छात्र – छात्राओं ।
(4.) क्राफ्ट कोर्स :- 19 छात्र – छात्राओं ।
(5.) डांस कोर्स :- 47 छात्र – छात्राओं ।
को शिक्षित किया है ।
कौशल विकास कार्यक्रम सेंटर :-
(1.) कौशल विकास कार्यक्रम, माधोपुर, सिगरा, वाराणसी ।
(2.) कौशल विकास कार्यक्रम, बेला, चोलापुर, वाराणसी ।
(3.) कौशल विकास कार्यक्रम, बैंक कॉलोनी, महमूरगंज, सिगरा, वाराणसी।
(4.) कौशल विकास कार्यक्रम निरालानगर (लेन नंबर - 6) शिवपुरवा, महमूरगंज, वाराणसी।
जल संकट निदान कार्यक्रम
संस्था उमा शंकर सिंह फाउंडेशन जल संचयन के लिए परमानंदपुर, शिवपुर, वाराणसी के लोगों को प्रेरित कर रहा है । जिससे जागृत होकर लोग वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कार्य करना शुरू किया । जिसमें संस्था अपना अहम सहयोग निभा रहा है ।
लोगों ने बरसात तथा नहाने धोने तथा अन्य किचन के द्वारा उपयोग किए गए । पानी को एक सुरक्षित टैंक बना कर डाल देते हैं । जिससे पानी धीरे-धीरे छनकर जमीन के अंदर चला जाता है । संस्था यहां लगभग साल भर से वर्क कर रही है । राजकुमार जी संस्था के सदस्य के नेतृत्व में संस्था यहां कार्य कर रही है ।
कृषि बोर्ड
संस्था किसानों की आत्महत्या में कमी लाने के लिए अपना अहम पहल की शुरूआत किया । क्योंकि किसानों की आत्महत्या का एक कारण यह भी है । की फसलों की बर्बादी या फसलों की अच्छी उपज ना होना ।
संस्था मिर्जामुराद के 3 गांव डोमनपुर, नेवढिया, लहिया गांव को चुना वहां पर कृषि बोर्ड लगाया । जिसका फायदा किसान भाइयों को मिलने लगा है ।
उस गांव के किसान भाई जागृत हो रहे हैं । और वहां संस्था के द्वारा लगाए गए । कृषि बोर्ड पर अंकित किसान कॉल सेंटर का नंबर के उपयोग करके वह अपने फसलों की पैदावार में वृद्धि कर रहे हैं ।
साथ ही साथ उसका रोग का उचित लक्षण और उपाय की भी उनको जानकारी प्राप्त हो रही है ।